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बीए सेमेस्टर-1 आहार, पोषण एवं स्वच्छता

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :250
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2637
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-1 आहार, पोषण एवं स्वच्छता

अध्याय - 8

स्तनपान / फॉर्मूला फीडिंग तथा पूरक एवं प्रारम्भिक आहार

(Breast/Formula Feeding and Complementry and Early Diet)

पाठ्य सामग्री

स्तनपान/फॉर्मूला फीडिंग (जन्म से 6 माह की आयु)

जन्म के बाद माता का दूध ही शिशु का मुख्य भोजन होता है। यह एक प्रकृतिप्रदत्त वरदान है, जो प्रकृति द्वारा समस्त स्तनधारियों के बच्चे को प्राप्त होता है। माता का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम आहार होता है और इस पर हर शिशु का जन्मसिद्ध अधिकार होता है। शिशु के लिए माँ का दूध उसकी पाचन शक्ति के अनुकूल, उपयुक्त, सभी पोषक तत्त्वों से युक्त जो शिशु शरीर की वृद्धि हेतु जरूरी होते हैं, होता है। माँ का दूध संक्रमण से शिशु की सुरक्षा करता है। माँ का दूध बच्चे को सन्तुष्टि प्रदान करता है।

लगभग 85-90% माताएँ शिशु को स्तनपान करा सकती हैं और भारत में लगभग एक से डेढ़ वर्ष की आयु तक माताएँ बच्चों को स्तनपान कराती हैं। प्रकृति के नियमानुसार शिशु के जन्म लेने के पश्चात् से ही माता के स्तनों में दूध आ जाता है।

माता के दूध में उत्तम प्रकार की प्रोटीन होती है। केसीन की अपेक्षा लैक्टोएल्बुमिन व लैक्टोग्लोबुलिन की मात्रा इसमें ज्यादा होती है। यह प्रोटीन जल में घुलनशील होने के कारण आसानी से पच जाती है। माता के दूध में लैक्टोज ज्यादा होता है, जिससे कैल्सियम व फॉस्फोरस का शोषण सही प्रकार से होता है। लैक्टोज के कारण कुछ लाभदायक जीवाणु तथा विटामिन 'बी' कॉम्प्लैक्स की भी प्राप्ति होती है। माँ के दूध को गर्म नहीं किए जाने के कारण विटामिन 'सी' नष्ट नहीं होता। माँ के दूध से लोहा व विटामिन 'डी' को छोड़कर अन्य . सभी पोषक तत्त्व सहज ही प्राप्त हो जाते हैं। यदि माँ के दूध की स्थिति सन्तोषजनक है तो विटामिन 'सी' की भी जरूरत नहीं होती, परन्तु यदि ऐसा नहीं है तो प्रारम्भ से ही शिशु को विटामिन 'सी' दिया जाना चाहिए।

आवश्यक आहार के रूप में कोलोस्ट्रम

शिशु के प्राकृतिक प्रथम आहार माँ का दूध है। इस सन्दर्भ में कोलोस्ट्रम का समुचित परिचय एवं विवरण जानना जरूरी है। शिशु को जन्म के 1-10 घण्टे के पश्चात् माता के दूध मिलता है। जब शिशु माता के स्तनों को चूसता है तो दुग्ध स्रावण ग्रन्थियाँ उत्तेजित हो जाती हैं तथा ज्यादा मात्रा में दुग्ध का स्राव करती हैं। शिशु जन्म के बाद 5-6 दिन तक माँ के स्तनों से गाढ़ा पीला पदार्थ निकलता है, जिसे कोलोस्ट्रम या फेनष कहते हैं। कुछ समय पूर्व तक इस तरह की धारणा व्याप्त थी कि यह पीला, गाढ़ा पदार्थ पस होता है, जिसे बच्चा पचा नहीं सकता; अतः बच्चे को यह नहीं पिलाया जाता था, लेकिन अब यह साबित हो चुका है कि कोलोस्ट्रम नवजात शिशु में रोगरोधक क्षमता बढ़ाता है तथा शरीर के पाचक एन्जाइम को उत्तेजित करता है। कोलोस्ट्रम में प्रोटीन तथा एण्टीबॉडीज प्रचुर मात्रा में पायी जाती हैं। वास्तव में कोलोस्ट्रम दूध नहीं होता। इस गाढ़े, पीले स्राव में दूध की अपेक्षा प्रोटीन तथा विटामिन 'ए' ज्यादा मात्रा में होता है, जबकि अन्य पौष्टिक तत्त्वों; जैसे कार्बोहाइड्रेट, वसा, 'बी' समूह के विटामिनों की मात्रा इसमें दूध की तुलना में कम होती है। 10 दिन के अन्दर यह गाढ़ा, पीला स्राव धीरे-धीरे पूर्णतया दूध में बदल जाता है। माता का दूध शिशु को कुपोषण से बचाता है तथा गम्भीर रोगों से शिशु की रक्षा करता है। वैज्ञानिक अध्ययनों के आधार पर निश्चित हो गया है कि शिशु को अनिवार्य रूप से कोलोस्ट्रस दिया जाना चाहिए।

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    अनुक्रम

  1. आहार एवं पोषण की अवधारणा
  2. भोजन का अर्थ व परिभाषा
  3. पोषक तत्त्व
  4. पोषण
  5. कुपोषण के कारण
  6. कुपोषण के लक्षण
  7. उत्तम पोषण व कुपोषण के लक्षणों का तुलनात्मक अन्तर
  8. स्वास्थ्य
  9. सन्तुलित आहार- सामान्य परिचय
  10. सन्तुलित आहार के लिए प्रस्तावित दैनिक जरूरत
  11. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  12. आहार नियोजन - सामान्य परिचय
  13. आहार नियोजन का उद्देश्य
  14. आहार नियोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
  15. आहार नियोजन के विभिन्न चरण
  16. आहार नियोजन को प्रभावित करने वाले कारक
  17. भोज्य समूह
  18. आधारीय भोज्य समूह
  19. पोषक तत्त्व - सामान्य परिचय
  20. आहार की अनुशंसित मात्रा
  21. कार्बोहाइड्रेट्स - सामान्य परिचय
  22. 'वसा’- सामान्य परिचय
  23. प्रोटीन : सामान्य परिचय
  24. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  25. खनिज तत्त्व
  26. प्रमुख तत्त्व
  27. कैल्शियम की न्यूनता से होने वाले रोग
  28. ट्रेस तत्त्व
  29. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  30. विटामिन्स का परिचय
  31. विटामिन्स के गुण
  32. विटामिन्स का वर्गीकरण एवं प्रकार
  33. जल में घुलनशील विटामिन्स
  34. वसा में घुलनशील विटामिन्स
  35. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  36. जल (पानी )
  37. आहारीय रेशा
  38. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  39. 1000 दिन का पोषण की अवधारणा
  40. प्रसवपूर्व पोषण (0-280 दिन) गर्भावस्था के दौरान अतिरिक्त पोषक तत्त्वों की आवश्यकता और जोखिम कारक
  41. गर्भावस्था के दौरान जोखिम कारक
  42. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  43. स्तनपान/फॉर्मूला फीडिंग (जन्म से 6 माह की आयु)
  44. स्तनपान से लाभ
  45. बोतल का दूध
  46. दुग्ध फॉर्मूला बनाने की विधि
  47. शैशवास्था में पौष्टिक आहार की आवश्यकता
  48. शिशु को दिए जाने वाले मुख्य अनुपूरक आहार
  49. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  50. 1. सिर दर्द
  51. 2. दमा
  52. 3. घेंघा रोग अवटुग्रंथि (थायरॉइड)
  53. 4. घुटनों का दर्द
  54. 5. रक्त चाप
  55. 6. मोटापा
  56. 7. जुकाम
  57. 8. परजीवी (पैरासीटिक) कृमि संक्रमण
  58. 9. निर्जलीकरण (डी-हाइड्रेशन)
  59. 10. ज्वर (बुखार)
  60. 11. अल्सर
  61. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  62. मधुमेह (Diabetes)
  63. उच्च रक्त चाप (Hypertensoin)
  64. मोटापा (Obesity)
  65. कब्ज (Constipation)
  66. अतिसार ( Diarrhea)
  67. टाइफॉइड (Typhoid)
  68. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  69. राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाएँ और उन्हें प्राप्त करना
  70. परिवार तथा विद्यालयों के द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा
  71. स्थानीय स्वास्थ्य संस्थाओं के द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा
  72. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रः प्रशासन एवं सेवाएँ
  73. सामुदायिक विकास खण्ड
  74. राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम
  75. स्वास्थ्य सम्बन्धी अन्तर्राष्ट्रीय संगठन
  76. प्रतिरक्षा प्रणाली बूस्टर खाद्य
  77. वस्तुनिष्ठ प्रश्न

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